गीत - जसवीर सिंह हलधर

 

ध्वजा में मौला और महेश,

सजे हैं गुरुओं के उपदेश ।

हमारा प्यारा भारत देश ,

तिरंगा लहर रहा है ।।

हिमालय है इसका सरताज ,

सिंधु तक फैला इसका राज ।

पुराना है सबसे इतिहास ,

आदि से अब तक हुआ विकास ।

ओम का व्योम तलक संदेश ।।

तिरंगा लहर रहा है ।।1।।

बड़ा है जाति धर्म विन्यास ,

कई भाषाएं करें निवास ।

सैंकड़ों नदियों से श्रृंगार ,

सभी ऋतुओं का है उपहार ।

भिन्न हैं मौसम के परिवेश ।।

तिरंगा लहर रहा है ।।2।।

सभी से साझा करते शोक ,

विश्व में फैलाया आलोक ।

नम्रता मांटी की पहचान ,

सभी है दिव्य आर्य संतान ।

मानते वेदों का आदेश ।।

तिरंगा लहर रहा है ।।3।।

दासता झेली है कई साल ,

हिला ना मूल झुका ना भाल ।

आज है अखिल विश्व में मान ,

चाँद मंगल तक पहुंचे यान ।

गरीबी है थोड़ी सी शेष ।।

तिरंगा लहर रहा है ।।4।।

सजग हैं जल थल में जांबाज ,

फिरें नभ में प्रहरी ज्यों बाज ।

किया "हलधर"ने पूरा गान ,

सदा हो हिंदी का सम्मान ।

विश्व में पाए जगह विशेष ।।

तिरंगा लहर रहा है।।5।।

 - जसवीर सिंह हलधर , हलधर