जीवन यह संग्राम - अनिरुद्ध कुमार
Jul 9, 2023, 22:57 IST
सुखदुख जीवन गान,
आफत डाले प्रान,
क्यों बनता नादान।
जागो हे इंसान,
कहना सबका मान,
रहना सीना तान।
क्या करना अभिमान,
गुन अवगुन पहचान,
तेरा हो उत्थान।
क्यों बनता अंजान,
देख रहें भगवान,
नीली छतरी तान।
प्रभु का कर गुनगान,
मन में रखना ध्यान,
उनसे हीं सुख शान।
करते जाओ काम,
फिर करना आराम,
जीवन यह संग्राम।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड