चलो चाँद पर - भूपेंद्र राघव

 

इस  रो  में है अग्रणी,  हाँ, इसरो  की  बात,

सकल  विश्व  समझे, जरा दो मिसरों की बात।

चलो चाँद पर प्लॉट कटे हैं ,

धरती वालों को भी  बँटे  हैं। 

मैंने  कुछ  बुक करवाये  हैं,

नींव  वगैराह  भर  आये  हैं।

सरिया  व  सीमेंट लानी  है,

एक   हवेली   बनवानी   है। 

कौन कौन जो साथ चलेगा,

पकड़  के मेरा हाथ चलेगा।

कविता के  शौकीन हैं तारे,

आएंगे    सारे   के    सारे।

गाएंगे   भारत   की  गाथा,

ऊंचा करके नभ   में माथा।

कोई  न  लेना  हमसे  पंगा,

फहर गया नभ पार तिरंगा ।

गूँज रहा जय हिन्द का नारा,

हुई  रजिस्ट्री,  चाँद    हमारा।

- भूपेंद्र राघव , खुर्जा , उत्तर प्रदेश