कुमार संदीप की दूसरी पुस्तक "लक्ष्य: एक अवसर" आयी पाठको के समक्ष

 

vivratidarpan.com मुजफ्फरपुर (बिहार) - कहा गया है कि "होनहार बिरवान के होत चिकने पात", जी हाँ, अल्प आयु में बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के सिमरा गाँव निवासी "कुमार संदीप" जो कर कार्य कर रहे हैं, अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं उससे यह पता चलता है कि इनका भविष्य उज्ज्वल है। संदीप बेहद साधारण परिवार से हैं, पर इनका हौंसला बुलंद है। संदीप ने अल्प आयु से संघर्ष का सामना किया है पर इन्होंने मुश्किलों के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया। संदीप अपने गाँव के प्रथम युवा लेखक हैं, जिनकी अब तक दो पुस्तक प्रकाशित हो गई है। संदीप ने हाल ही में अपनी एक किताब लिखी थी "ज़िंदगी से जंग जीतेंगे हम" जिसमें संदीप ने कुल 450 प्रेरणादायक विचार लिखे थे। इनकी इस पुस्तक को बहुत लोगों ने सराहा प्रेम दिया, अब ही इनकी पुस्तक को प्रेम अर्पित किया जा रहा है। अब संदीप ने अपनी कविताओं की बुक लिखी है, जो प्रकाशित हो गई है शॉपिज़न द्वारा। जिसका नाम है, "लक्ष्य-एक अवसर।"। "लक्ष्य-एक अवसर पुस्तक" में संदीप ने कुल 85 कविताएं लिखी हैं। "लक्ष्य: एक अवसर" एक ऐसी पुस्तक है, जो दुख के घोर अँधकार में भ्रमण कर रहे दुखियारे को आशा की राह दिखाने में सक्षम है। इस पुस्तक में सम्मिलित कविताएँ हमें परिवार की रिश्तों की महत्व को बहुत अच्छे से समझाती हैं। इस पुस्तक में सम्मिलित रचनाएँ हमें समझाती हैं कि "लक्ष्य" कितना अहम योगदान रखता है हमारे जीवन में। इस पुस्तक में सम्मिलित रचनाएँ हमें प्रेरित करती हैं कि यदि हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता अर्जित करना है तो प्रथमतः हमें अपने मन में अथाह आत्मविश्वास भरना होगा। संदीप की यह पुस्तक शॉपिज़न के ऐप्लिकेशन पर, अमेज़न पर व फ्लिपकार्ट पर उपबल्ध है।