इंतजार - वैभव पांडेय
Oct 3, 2024, 22:52 IST
रात के जगे, दिन में नींद का,
इंतजार कर रहे हैं हम,
जो सख्श बेवफा हो गया,
उसी की बात कर रहे हैं हम।
वैसे किसी और के साथ,
खुशनुमा गुजर रही है जिंदगी,
मगर फिर भी रातों में,
घुटन का एहसास कर रहे हैं हम।
-वैभव पांडेय, अखंड नगर, कादीपुर,
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश