मैं विदा हो चली - प्रतिभा जैन
Jan 19, 2024, 23:22 IST
आज मैं विदा हो चली,
जिस घर में बिताया बचपन,
उसी घर में मेहमान हो चली,
छोड़ कर अपनी महक
यादों का पिटारा ले चली।
आज मैं विदा हो चली,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सपनों की दुनियां में,
पहला कदम रख चली,
थाम कर आपका हाथ,
खुद को समर्पित कर दिया।
छोड़ अपनी पहचान,
लाल चुनर ओढ़ चली।
आज मैं विदा हो चली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
- प्रतिभा जैन, टीकमगढ़, मध्य प्रदेश