हृदय बना शिवालय - रश्मि मृदुलिका

 

सात रंग बिखर जाते हैं|

क्षितिज के आखिरी छोर तक,

कभी चमकीले तारों में दिखते,

सुनहरे रंग संध्या के नैत्र तक,

सफेद रंगों में रंगे बादल,

अरुणिमा को छान कर,

बिखेर देते हैं प्राण धरा तक,

जीवन का एक रंग बनकर,

एक रंग प्रियसी के केशो का,

काजल बन खंजन से नयनों का,

लुभावन दृश्य देखें अर्द्ध निशा का ,

कृष्ण रंग बन गया प्रिय संयोग का,

रजत अश्रुओं से भर कर अंजुली,

ताम्र रंग से मंडित प्रेम का कर पूजन,

सावन में बेलपत्र के हरित रंग से,

पुण्य शिवालय बना मेरा हृदय मंदिर ,

- रश्मि मृदुलिका, देहरादून , उत्तराखंड