शुभ दीपोत्सव - सुनील गुप्ता
सभी तारे हैं उतर आए
और चाँद नक्षत्र धरती पर !
शुभ दीपोत्सव मना रहे.....,
हम श्रीराम की जन्मभूमि पर !!1!!
जमीं पे गगन है आया उतर
और खिल-खिल आयी वसुंधरा !
हर घर-घर दीप जल उठे.......,
और बना प्रफुल्लित हरेक चेहरा !!2!!
सभी देवलोक होकर प्रसन्न
बरसा रहे हैं पुष्प धनवर्षा !
राम की धुन बज रही चहुँ ओर....,
और रहा तन मन जीवन हर्षा !!3!!
सरयू का तट, साकेत नगरी
सज आयी है नव दुल्हनिया सी !
दसों दिशाएं बज रही शहनाई....,
और खुश हैं सभी अयोध्यावासी !!4!!
परम खुशी और सौभाग्य लिए
आया है पावन शुभ दीपोत्सव !
और स्वप्निल प्रकाश रंगों से खिले....,
हैं उत्साहित सभी मना रहे आनंदोत्सव !!5!!
आए हैं लौट, अवध में श्रीराम
बरस रही खुशियाँ चारों ओर !
अब करेंगे राम यहां पे विश्राम.....,
और दिखेगा राम राज्य चहुँ ओर !!6!!
सनातन हिंदू धर्म संस्कृति की
अब हो रही है जय-जयकार !
और बनेगा भारत पुनः विश्वगुरु.......,
श्रीराम महिमा का हो रहा जग में प्रसार !!7!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान