ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Apr 24, 2024, 23:13 IST
अब न खोना हौसला तैयार होना चाहिये,
हौसले मे जीत का दीदार होना चाहिये।
बेखुदी मे वो जियें मिलता नही आराम है,
डूबती नौका को अब पतवार होना चाहिये।
आ करे अब मुफलिसी दूर जग से हम सभी,
प्यार सबको बाँट ये व्यवहार होना चाहिये।
प्यार से मिलकर रहे हो खुशी आधार भी,
सब जिये पाये सुकूँ परिवार होना चाहिये।
हो गई है दर्द डूबी आँख मेरी जान लो,
आ गले तुमको लगा तूँ प्यार होना चाहिये।
हाय तड़फू बिन तुम्हारे चैन भी आता नही,
साथ तेरे आँख भी दो चार होना चाहिए।
याद तेरी अब सताती रात दिन है अब मुझे,
जब मिलोगे आप दिल गुलजार होना चाहिये।
राह देखे आज मन दिलदार तुमसे हम मिले,
जब मिलेंगे यार इजहार होना चाहिये।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़