गजल - मधु शुक्ला

 

जीवन पथ में हो कंटक, तो तुम मत घबराओ,

हर मुश्किल हल हो जाती, बस धीरज अपनाओ।

माना होता सुख चंचल, तज देता दामन को,

कब ठहरा दुख आँगन में, चिंता तज मुस्काओ।

कर्मठता हर बाधा को, वश में कर लेती है,

दफना कर आलस अपने, साहस को अजमाओ ।

सहने की क्षमता रखते, मंजिल उनको मिलती,

देकर इज्जत अनुभव को, सपनों को ले आओ।

श्रम, सच्चाई की वसुधा, उगले यश के मोती,

काबू कर चंचल मन 'मधु', मकसद पर छा जाओ।

 — मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश