गीतिका - मधु शुक्ला
Dec 15, 2023, 22:57 IST
है सभी के उर गहन अम्बार प्रश्नों का,
मथ रहा मन हर घड़ी संसार प्रश्नों का।
हम सभी हैं ईश की संतान सब जानें,
वर्ण रचना पर दहे अंगार प्रश्नों का।
एक है ईश्वर यही आभास हम करते,
जन्मदाता धर्म पर व्यवहार प्रश्नों का।
कर्म संतति पालने का सब करें जग में,
भेद बच्चों में गढ़े भंडार प्रश्नों का।
है प्रकृति सम्पन्न सबका पेट भरने को,
भूख के बंदी करें विस्तार प्रश्नों का।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश