क्या अपनी बिनेश हार गयी ? - हरी राम यादव
Aug 8, 2024, 22:51 IST
जिसने पटका उठा उठा,
विश्व विजेता के अरमानों को।
धूल धूसरित किया अखाड़े में,
विजयी विश्व के गानों को ।
जो जीती लाडो अपनी सदा,
सोचो बिन लड़े कैसे हार गयी ।
एक दिन में तीन को पटका,
फिर कैसे अखाड़े के पार गयी।।
सोच समझ से परे हैं बातें,
बातें तो उठ रहीं बड़ी बड़ी।
देश प्रश्न कर रहा है गुस्से में ,
हारी बिनेश क्यों खड़ी खड़ी।
लाडो तुम तनिक न चिंता करना,
समय पुन: पास तुम्हारे आयेगा ।
अपने पौरुष पर रखना भरोसा,
झंडा नील गगन में फहराएगा ।।
- हरी राम यादव , अयोध्या, उत्तर प्रदेश