मौत शाश्वत सत्य - रेखा मित्तल
Jun 18, 2023, 23:30 IST
वह चले गए
मिल भी नहीं पाई मैं
चारों तरफ असीम शांति
मौन-सा पसरा हुआ.
ऐसे लगा कुछ छूट गया
बहुत कुछ कहना बाकी था
सब कुछ अधूरा रह गया
अब कभी नहीं मिलेंगे,
बस कुछ स्मृतियां शेष
उनकी कही,अनकही बातें
उनकी सिखाई शिक्षा
हर विषय को तल्लीनता से
पढाना, समझाना,
आज सब आँखों के समक्ष
फिल्म की भाँति घूम रहा
मार्गदर्शक ही चला गया
तो पथ दुर्गम लगने लगा,
उनका सौम्य, शील चेहरा
आज बिल्कुल शांत,खामोश
निश्छल, शिशु की भांति
मालूम था, वह जाने वाले हैं
पर चाहकर भी रोक नहीं पाए,
रुपया-पैसा, बंगला-गाड़ी
जड़ी-बूटी ,दवाई -दुआएं
प्यार ,स्नेह और ममता
कुछ भी काम न आया
शायद यही शाश्वत सत्य है
अपनी जीवन यात्रा पूरी कर
भगवान के श्री चरणों में
वह चले गए!!
- रेखा मित्तल, चंडीगढ़