बोझ नहीं होती हैं बेटियां - सुनील गुप्ता
बोझ नहीं होती हैं प्रिय बेटियां
वह तो हैं सुख का परम आधार !
हैं परिवार की ये नन्ही कलियां......,
जो खिल महकाएंगी हमारा घर संसार !!1!!
चलें देते इन्हें ख़ूब स्नेह प्यार
बनें ये दो घर परिवारों की मध्यस्थ सेतु !
बड़ा कर देते इन्हें हम धर्म संस्कार .....,
यही बनेंगी हमारे कल्याण का मार्ग हेतु !!2!!
जिस घर जन्म लेती हैं ये बेटियां
वह घर बन जाता है स्वर्ग ज़न्नत !
और उस घर पे बरसे प्रभु आशीष कृपाएं....,
चलें पूरी होती हर एक यहां मन्नत !!3!!
बढ़ाएं बेटियां हमारी यहां पे इज्जत
और दिलाएं समाज में ख़ूब मान-सम्मान !
सदा करते चलें इनकी हिफ़ाज़त......,
और बनाएं इन्हें पूर्ण निपुण एवं ज्ञानवान !!4!!
हैं बेटियां नहीं यहां किसी से भी कम
ये सदा कंधे से कंधा मिलाए चलती !
और अपने दम पे पहुंच उत्तुंग शिखर पर....,
हरेक क्षेत्र में विजय हासिल हैं करती !!5!!
बेटियों में छिपी है अपार संभावनाएं
बस इन्हें एक सुअवसर यहां चाहिए !
सदा बढ़ाए चलें बेटियों का हौसला मनोबल....,
तो, हर असंभव को ये संभव बनाती चली जाएं !!6!!
जीवन के दुःसाध्य दूभर क्षेत्रों में
आज बेटियां कर रहीं हैं बहुत कमाल !
कोई क्षेत्र नहीं बचा है इनकी पकड़ से....,
जहां नहीं कर रही हैं बेटियां काम बेमिसाल !!7!!
धन्य हैं वो परिवार जहां पलती हैं बेटियां
और समाज में दिलवाएं वह ऊंचा मुकाम !
जरुरत है बेटियों को दें हम उच्च शिक्षा....,
ताकि, करें बेटियां हमारा गर्व से ऊंचा नाम !!8!!
हैं बेटियां देश की गौरवमयी गरिमा
चलें बेटियों को दिलाएं यथायोग्य सम्मान !
जिस घर में पूजी जाएं नित बेटियां......,
वह घर बन जाता देवालय पूजा का स्थान !!9!!
बेटियां हैं अदम्य शक्ति का परिचायक
और प्रेम भक्ति करुणा का अक्षय भंडार !
ये चलें देती मात पिता को संबल......,
और बढ़ाएं धर्म संस्कृति रीति नीति संस्कार !!10!!
आओ बेटियों का हम भविष्य सुधारें
और ले चलें उन्हें उन्नति के पथ पर !
कभी कम ना आंके उन्हें प्रिय बेटों से.....,
और करें सदा उनकी रक्षा उत्थान यहां पर !!11!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान