छंद- कविता बिष्ट

 

सदैव जीव चाहता अहैतुकी कृपा करें ।

मनो दशा सही रखें सदैव प्रेम को भरें।।

सुगीत गान से सभी सुमार्ग को बढ़े चलें।

नवीन कार्य ही करें विचार संग में पले।।

सुबोध हो सभी यहाँ विवेकवान को चुनें।

नवीन स्वप्न तैरते सदा प्रभाव को गुनें।।

सुधार कर्म को करें सुबोध सा विचार हो।

हँसे सभी प्रमोद से खुशी यहाँ अपार हो।।

सही सुलक्ष्य से सदा प्रकाश पुंज को चुनो।

महान आप ही बने सुगीत को सभी सुनो।।

नये-नये प्रयोग को निखारते सदा रहें।

सुधर्म कामना जगी ख़ुशी सँवारते कहे।।

~कविता बिष्ट 'नेह',, देहरादून , उत्तराखंड