भारत - सुनील गुप्ता
(1) " भा ", भारत भाग्य विधाता
जय जय जय माँ भारती !
चहुँदिशाएं गूंजें नारे.......,
वन्देमातरम जय भारती !!
(2) " र ", रथ सिंह पे होके आरुढ़
जब चले भारतमाता !
होए गर्जना दसों दिशाएं......,
भारत की गाएं जय गाथा !!
(3) " त ", तप यज्ञ और साधना की
है देव ऋषि भूमि भारत !
धर्म परंपराएं हैं सनातनी.....,
जय जय जय मातृभूमि भारत !!
(4) " भारत ", भारत बसता गांव-गांव में
हर आनन पे खुशियाँ छाएं !
माँ के आँचल छाँव में रहके....,
नयनों में आनंद भर आए !!
(5) " भारत ", भारत की पावन भूमि से
जिसने तिलक भाल पे सजाया !
हुआ उसका यहां जन्म सफल.....,
मोक्ष उसी को मिल पाया !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान