बटोही - रश्मि मृदुलिका
Jul 9, 2023, 22:57 IST
मुरझाया हृदय खिल गया,,
सोया भाग्य बदल गया,,
दर्द को पूर्ण विराम मिल गया,
सूने नेत्रो में स्वप्न आ गए
कहाँ से मेरे बटोही तुम आ गए,
अपनेपन का आभूषण पहनाया,
मै क्या हूँ मुझको बतलाया,
जीवन नहीं व्यर्थ, अनमोल है|
तुम्हारा, मेरे लिए मोल है|
पीड़ा के क्षण सरल हो गए,
तुम बटोही पथ के साथी हो गए|
- रश्मि मृदुलिका, देहरादून , उत्तराखंड