बाल - प्रदीप सहारे
Nov 1, 2024, 12:36 IST
अपनी मर्जी,
अपने बाल ।
चाहे जैसे,
ढको अपना टाल ।
कभी लहराते ,
कभी दाएं,
कभी बाएं ,
कभी आगे,
कभी पीछे ।
कभी काटो ,
कभी बढाओ ।
चले अपनी चाल ।
हैं तो अपने ही बाल ?
परेशान हो तो नोचो ,
काम के समय,
जुडा बांध खोचो।
काटो छाटो अपने बाल।
शैम्पू , कंघा, फनी ,
संवारो अपने बाल ।
उम्र दिखाते सफेद बाल,
छिपाने उसे लगाये ,
सजाए मेहंदी से रंग महल ।
हैं तो अपने ही बाल ?
दिखे नहाते , निकले बाल,
परेशां दिल परेशां हाल ।
तेल वेल डॉक्टर वैद्य ,
दवा दारु चले अपनी चाल ।
ड्रेसिंग टेबल बने अब,
इनका एक मॉल ।
हैं तो अपने ही बाल ?
अब गये जीन के,
नहीं चले कोई चाल ।
हैं जीन के,
बचाओ एक एक बाल ।
हैं तो अपने ही बाल ?
- प्रदीप सहारे, नागपुर , महाराष्ट्र