आनन - सुनील

 

 ( 1 )" आ ", आपका

   देख सुंदर शुभानन

   तन-मन आनंद में खो गया !

   मुखड़े पे छायी देख विरल हँसी.....,

   प्रभु कान्हा का रुप याद हो आया !!

( 2 )" न ", नटवर

    सुंदर श्याम सलोनासा

    है हमारा प्यारा दोहता, विराज  !

    जो भी देखे गोल मटोल चेहरे को....,

    वो चाहे जानना खुशियों का राज़  !!

( 3 )" न ", नन्हे

     प्यारे नाना दुलारे

    और हो आप सभी के अति प्रिय  !

     मिल आपसे ये दिल भरता ही नहीं....,

    और आप बसे हो सभी के मन हिय  !!

( 4 )" आनन ", आनन

    आपका है अप्रतिम

    और नैन-नक्श हैं मुरलीवाले से  !

    सुन आपकी मधुर सुरीली आवाज......,

    मानो घर पधारे कन्हैया प्रिय हमारे  !!

( 5 )" आनन ", आनन

    के चहुँओर दिखे

    हमें एक विशेष, औरा आकर्षण   !

    हो आप ही हमारे प्रिय घनश्याम ...,

    करें नित्य आपको प्रणाम श्रीकृष्ण !!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान