राष्ट्रीय कवि संगम देहरादून की काव्य गोष्ठी सम्पन्न

 

vivratidarpan.com, देहरादून - राष्ट्रीय कवि संगम" महिला इकाई महानगर देहरादून की मासिक काव्य गोष्ठी में  इस बार एक नयी शुरुआत हुई। "अखिल भारतीय महिला आश्रम" (लक्ष्मण चौक ) के बच्चों के साथ काव्यपाठ की अनूठी अनुभूति ने दिया। आकर्षण का केंद्र रहा काव्य गोष्ठी को सार्थक उद्देश्य एवं बच्चों में काव्य पाठ के प्रति जागरूकत का सार्थक सन्देश।"राष्ट्रीय कवि संगम" महिला इकाई महानगर देहरादून के तत्वावधान में मासिक काव्य गोष्ठी 23 अप्रैल 2022, दिन शनिवार को "अखिल भारतीय महिला आश्रम" (सरस्वती सोनी मार्ग लक्ष्मण चौक) में सम्पन्न हुई।

 "राष्ट्रीय कवि संगम" महिला इकाई महानगर देहरादून  का प्रयास इस माध्यम से आश्रम के बच्चों की प्रतिभा को निखारने  का रहा। गोष्ठी की अध्यक्षता महिला इकाई की प्रदेश अध्यक्ष डॉ.विद्या सिंह जी ने की। मुख्य अतिथि आश्रम की उपाध्यक्ष आ.रेखा अग्रवाल जी रहीं। विशिष्ट अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष आ.महिमा "श्री"जी एवं आश्रम की सेवानिष्ठ आ.सुषमा अग्रवाल जी रहीं। संचालन  राष्ट्रीय कवि संगम की गढ़वाल महामंत्री मणि अग्रवाल "मणिका" ने किया। गोष्ठी में डॉ. विद्या सिंह, महिमा श्री, मणि अग्रवाल, कविता बिष्ट, प्रो उषा झा रेणु, झरना माथुर, क्षमा कौशिक, नेत्रा थपलियाल, आभा सक्सैना की उपस्थिति रही।

सायं चार बजे गोष्ठी का शुभारंभ "राष्ट्रीय कवि संगम" की महामंत्री कविता बिष्ट जी की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके पश्चात नेत्रा थपलियाल ने "प्रसिद्ध होने के लिए नहीं मैं सिद्ध होने के लिए लिखती हूँ" जैसी पँक्तियों से सबका दिल जीत लिया। प्रो.उषा झा रेणु जी ने वीर सैनिकों के सम्मान में "खोलकर जंजीर माँ की,वीर जो थे खो गये"  जैसी देशभक्ति से परिपूर्ण रचना का पाठ किया। तो आभा सक्सेना दूनवी जी ने बाल कविता "एक रात की किचिन" सुनाकर बच्चों एवं बड़ों को आनंदित किया। कविता बिष्ट ने बच्चियों को स्नेह देते हुए "हमारे लिए जान से प्यारी हैं ये बेटियाँ" रचना का पाठ किया। महिमा श्रीजी ने बच्चियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हुए "हथकड़ी तोड़ दी मैंने दबाकर भय को मुट्ठी में" जैसी प्रेरक रचना सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। झरना माथुर जी ने बहुत खूबसूरत रचना "छलक जाते है आँखों से नमक के जो ये मोती" सुनाकर समां बाँध दिया। क्षमा कौशिक ने उत्साहवर्धक रचना "हम भारत की नारी हैं, हम जीवित चिंगारी हैं" सुनाई। संचालिका मणि अग्रवाल ने आश्रम की बच्चियों में प्रेरणा का संचार करते हुए " मैना उड़ जा पंख पसार कर ले सपने सब साकार" गीत सुनाया जिसे सभी ने खूब पसंद किया। विशिष्ट अतिथि आ.सुषमा अग्रवाल एवं मुख्य अथिति आ.रेखा अग्रवाल ने इस आयोजन की ,बच्चों एवं सभी कवयित्रियों की खुले मन से सराहना की। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं डॉ. विद्या सिंह  के चिड़िया गीत "बड़े सवेरे चिड़िया रानी दाना चुगने जाती हैं" को बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ  डॉ. विद्या सिंह के साथ गाया।

आश्रम के बच्चों का उत्साह तो दर्शनीय रहा। ग्यारह बच्चों ने कवितापाठ किया ,जिसमें कु.आँचल ने "कोई लाकर मुझे दे", कु.पूजा ने" सोई सोई एक रात में", कु. मोनिका ने "झांसी की रानी" कु. अदिति ने "तीन चिरैयाँ" कु. सलोनी ने "धरती बाँटो, सागर बाँटो मत बाँटो इंसान", मुस्कान महंतो ने "बहुत याद आती है", ईशा राणा ने "पिता के बाद", शिप्रा ने "मन के भोले भाले बादल", लक्ष्मी ने "वह देखो खिलौने वाला आया", श्रन्या ने "माँ" और चारु ने "जीवन की भाग-दौड़ में" जैसे अत्यंत सुंदर और प्रेरक रचनाओं का वाचन कर सभी को असीम आनंद की अनुभूति करवाई।

राष्ट्रीय कवि संगम" महिला इकाई महानगर देहरादून की अध्यक्ष डॉ.इंदु अग्रवाल जी के सौजन्य से सभी बच्चो को उपहार देकर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की। अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ काव्य गोष्ठी ने पूर्णता प्राप्त की। (कविता बिष्ट "महामंत्री" "राष्ट्रीय कवि संगम" महिला इकाई, देहरादून उत्तराखंड)