मन मोहे बरसात - अनिरुद्ध
Sep 10, 2022, 10:33 IST
मस्त फुहारें सावनी, स्वागत हे बरसात
गर्मी से राहत मिली, सुंदरतम सौगात।१।
जड़ चेतन आनंद में, सुखदाई दिन रात।
जीव जंतु मिल गा रहें, झूमते डाड़ पात।२।
बादल गरजे जोर से, मेघों का उत्पात।
रह रह चमके दामिनी, कर दे ना आघात।३।
मेढ़क, झिंगुर बोलते, मनभावन हालात।
हर कोई नव रंग में, मुख पर टर टर बात।४।
कृषक खुशी से नाच ते, दिन हो चाहे रात।
खेती करने को चले, मन मोहे बरसात।५।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड