गजल - मधु शुक्ला
Sep 10, 2022, 23:19 IST
आप रिश्तों से कभी उम्मीद मत ज्यादा रखो,
भूल कर संबंध में मत स्वार्थ का प्यादा रखो।
प्रेम के बिन जिंदगी लगती सजा सम सर्वदा,
इसलिए जीवित सदा तुम प्यार का वादा रखो।
प्यार अपनापन प्रगति का पथ हमें दिखला रहा ,
हर समय व्यवहार में तुम याद मर्यादा रखो।
सुख नहीं देती हमें बिल्कुल प्रदर्शन भावना,
हो सके तो आप अपनी जिंदगी सादा रखो।
हाथ अपनों का रहे सिर पर न उलझन कष्ट दे,
मत रहो 'मधु' तुम अकेली साथ में दादा रखो।
— मधु शुक्ला, .सतना, मध्यप्रदेश .