कवि लोक साहित्य परिषद के तत्वावधान में देश भर के 108 साहित्यकार हुए सम्मानित

 

Vivratidarpan.com बिलासपुर (छत्तीसगढ़) -: बिलासपुर छत्तीसगढ़ साहित्य जगत के इतिहास में कवि लोक साहित्य परिषद के तत्वावधान में दिनांक 05 नवंबर 2023 को रेलवे एन. ई. इन्स्टिट्यूट बिलासपुर के सभागृह में अतिथियों के कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलित कर,मांँ सरस्वती की वंदना से प्रारंभ हुआ। आयोजित सम्मान समारोह में देश भर के 108 साहित्यकारों को अंकुर नवोदित हस्ताक्षर सम्मान, अटल साहित्य प्रेरणा सम्मान, आचार्य द्विवेदी भाषा रत्न सम्मान, चक्रवर्ती सम्राट महापद्म नंद सम्मान, टैगोर साहित्य साधक सम्मान, दिनकर राष्ट्रीय चेतना सम्मान, दुष्यंत ग़ज़ल शिल्पी सम्मान, नरेंद्र श्रीवास्तव गीत चेतना सम्मान, नागार्जुन लोक साहित्य सम्मान, नारी नवचेतना सृजन सम्मान, निराला शब्द साधक सम्मान, पं. वासुदेव मिश्र सारस्वत सम्मान, पलाश साहित्य अनुभूति सम्मान, मुकुटधर पाण्डेय रचनाधर्मिता सम्मान, मुक्तिबोध नवचेतना सम्मान, राहत इंदौरी तहज़ीब सम्मान, विद्या दान साहित्य सम्मान, विमल मित्र साहित्य बोध सम्मान, श्रीलाल व्यंग्य साहित्य सम्मान शानी साहित्य संज्ञा सम्मान, सर्वोदय साहित्य सृजन सम्मान, सुभद्रा नारी अस्मिता सम्मान, कवि लोक साहित्य स्रोत सम्मान, कवि लोक साहित्य रत्न सम्मान, कवि लोक कृतिकार सम्मान, कवि लोक साहित्य साधक सम्मान, कवि लोक काव्य रत्न सम्मान, कवि लोक ग़ज़ल रत्न सम्मान, कवि लोक बाल साहित्य रत्न सम्मान, कवि लोक कथा रत्न सम्मान, कवि लोक उपन्यास रत्न सम्मान, कवि लोक शोध रत्न सम्मान, कवि लोक निबंध रत्न सम्मान, कवि लोक गद्य रत्न सम्मान, कवि लोक आलोचना रत्न सम्मान तथा कवि लोक व्यंग्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त नादिर अहमद ख़ान के ग़ज़ल संग्रह लफ़्ज़ों के निशाँ,संतोष मिरी हेम का कविता संग्रह स्वर्ण सुमन के सात रंग, सुधा शर्मा का गीत संग्रह नदी कूल का है बंजारा एवं दोहा संग्रह हृदय रखें नवनीत, टी. श्रीनिवास राव का कहानी संग्रह सिंदूर , सागर कुमार शर्मा के द्वारा संपादित साझा कविता संग्रह कवि चेतना, कवि लोक साहित्य परिषद के तत्वावधान में संपादित साझा कविता संग्रह कवि लोक खंड 4, 5  एवं 6 का विमोचन किया गया। आठ वर्ष के बालक सिद्धार्थ शर्मा के कविता संग्रह 'मुझे तो सब अच्छा लगता है' का विमोचन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षक रहा ।

कार्यक्रम सात सत्रों में आयोजित किया गया। पहले सत्र में रेल गीत एवं कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की गई। दूसरे सत्र में कविता एवं छंद विधा के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया। तीसरे सत्र में ग़ज़ल एवं बाल साहित्य के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया। चौथे सत्र में कहानी एवं उपन्यास विधा के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया। पाँचवें सत्र में कथेतर विधा के साहित्यकारों एवं निर्णायकों को सम्मानित किया गया। छठवें सत्र में वरिष्ठतम साहित्यकारों को कवि लोक साहित्य स्रोत सम्मान से अलंकृत किया गया। सातवें सत्र में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मीर अली मीर, अध्यक्ष सतीश जायसवाल तथा मुख्य अतिथि दिवाकर मुक्तिबोध ने अपना वक्तव्य दिया। इसके पूर्व निर्णायकों में डॉ. परदेशी राम वर्मा, डॉ. देवधर महंत, राघवेन्द्र दुबे, राजेन्द्र मौर्य, देवांशु पाल तथा शाद बिलासपुरी के द्वारा वक्तव्य दिया गया। मंच संचालन राकेश श्रीवास 'पथिक', गुलशन खम्हारी 'प्रद्युम्न' एवं सोमप्रभा तिवारी 'नूर' ने बेहतरीन अंदाज में संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के कोषाध्यक्ष राम रतन श्रीवास 'राधे राधे' एवं सुरेश कुमार पैगवार के द्वारा किया गया। इस संस्था के अध्यक्ष सुजेश कुमार शर्मा ने बेहतरीन सामंजस्य और प्रबंधन स्थापित कर अहम भूमिका निभाई। अंत में सभी अतिथियों, साहित्यकारों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए, धन्यवाद ज्ञापित संस्था के सचिव नादिर अहमद ख़ान ने किया।

कवि लोक साहित्य परिषद के संस्थापक सदस्य रामकुमार श्रीवास ‘कुमार पलाश, प्रभात रंजन, टी. श्रीनिवास राव, प्रदीप्त पंडा, राकेश कुमार, अजय कुमार साहू, अर्जुन कुमार ‘अश्क, प्रकाश दास मानिकपुरी ‘प्रबल, प्रेमलता यदु, बिहारी लाल खत्री ‘बेचैन, बृज नंदन सिंह, मनीष कुमार शाह, अजय नारायण त्रिपाठी, राहुल राय, दिनेश कुमार यादव, विजय चौकसे, विनोद कुमार शर्मा, विरेन्द्र दास मानिकपुरी ‘सनत, दुर्गेश करमकार, श्याम कुमार मौर्य, संतोष मिरी ‘हेम, सागर कुमार शर्मा, सुदेश कुमार मेहर, सुरेश कुमार साहू तथा जी. ईश्वर राव आदि ने कवि लोक साहित्य परिषद के कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।