सचिव उत्तराखंड शासन ने मत्स्य विभाग और डेयरी विभाग के योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया

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सचिव सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी विकास विभाग उत्तराखंड शासन डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम द्वारा कोटद्वार में सहकारिता विभाग, मत्स्य विभाग और डेयरी विकास विभाग के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया।

  उनके द्वारा सर्वप्रथम सहकारिता विभाग के अंतर्गत  बहुउद्देशीय सहकारी समिति (पैक्स)  कमेड़ा मदर यूनिट के मवाकोट मुर्गी पालन केंद्र का स्तरीय निरीक्षण किया गया।

  मुर्गी पालन की यह यूनिट अभी सैंपल यूनिट है तथा 1 फरवरी से यहां पर मुर्गी पालन प्रारंभ किया जाएगा। पशुपालन विभाग और सहकारिता के समन्वय से इस यूनिट का संचालन किया जाएगा तथा लाभार्थियों को सस्ते दामों पर चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे।


इसके बाद सचिव द्वारा मत्स्य विभाग के तत्वाधान में के प्राइड मॉल  तड़ियाल चौक में पीएम मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत फिश कियोस्क केन्द्र का  निरीक्षण किया गया। इस केंद्र पर लाभार्थियों को फिश उत्पादन, फिश से संबंधित चारा और उत्पादन से संबंधित सलाह दी जाती है।

इसके बाद सचिव द्वारा उदयरामपुर में इंटीग्रेटेड मत्स्य पालन यूनिट का स्थलीय निरीक्षण किया गया।  साथ ही इस स्थान पर पीएम मत्स्य योजना के अंतर्गत रंगीन मत्स्य प्रजनन केंद्र का भी अवलोकन किया गया।

इसके पश्चात सचिव द्वारा खूनीबड़ में दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया गया।
इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 5 हजार लीटर दूध प्रोसेसिंग की है तथा यहां पर प्रतिदिन 2.5 हजार लीटर दूध प्रोसेसिंग किया जा रहा है तथा इससे पनीर, घी, दही इत्यादि दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते हैं जिसको आर्मी, मार्केट, शैक्षणिक संस्थानों तथा बाजार में  सप्लाई किया जाता है।

  इसी दौरान सचिव द्वारा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत विकास स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों का अवलोकन भी किया तथा उनके उत्पादों का क्रय  भी किया।
इस दौरान सचिव ने महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किया जा रहे उत्पादों को प्रोत्साहित करने के  विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।

स्थलीय निरीक्षण के दौरान सचिव ने सहकारिता, पशुपालन, डेयरी विकास विभाग और मत्स्य विभाग को निर्देशित किया कि स्वयं सहायता समूह और सहकारिता से जुड़ी गतिविधियों को सभी विभाग आपसी समन्वय  से संपादित करें तथा स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराएं।

इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि उत्पादित की जाने वाली वस्तुओं की लागत कम करने के लिए सम्बन्धित विभाग अपने स्तर पर भी समय-समय पर शोध करते रहें जिससे लाभार्थी का मुनाफा  अधिक बढ़े।


निरीक्षण के दौरान उपनिदेशक मत्स्य विभाग शिल्पा हल्दिया, आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, सहायक निदेशक डेयरी विकास विभाग लीलाधर सागर, ए आर कॉपरेटिव पान सिंह राणा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डी.एस. बिष्ट,  जिला मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, उप जिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी सहित  सम्बंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।