आन्तरिक परिवार समिति एवं स्थानीय परिवार समिति के संबंध में सोमवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई

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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की उपस्थिति में जिला सभागार नई टिहरी में आयोजित कार्यशाला में जिलाधिकारी द्वारा विभाओं को निर्देश दिए गए कि जिन विभागों द्वारा अभी तक यौन उत्पीड़न अधिनियम के अंतर्गत आन्तरिक परिवार समिति का गठन नहीं किया है, वह तत्काल समिति गठित कर लें। साथ ही समिति के सदस्यों को यौन उत्पीड़न अधिनियम का अध्यन करने, समिति गठन से संबंधित सूचना को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने, जागरूकता, सर्तकता
और सकारात्मक वातावरण हेतु महिला कार्मिकों एवं पुरूष कार्मिकों की अलग-अलग बैठक कराने को कहा गया। साथ ही समिति के समक्ष कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर उस पर पारदर्शिता के साथ समयान्तर्गत जांच संबंधी कार्यवाही करने, यौन उत्पीड़न के मामलों को अनदेखा न करने तथा मौखिक शिकायतों का भी संज्ञान लेने को कहा गया।

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल आलोक कुमार त्रिपाठी ने प्रशिक्षण कार्यशाला में जानकारी देते हुए बताया कि आन्तरिक परिवार समिति का गठन समस्त कार्यालयों, विभागों, सरकारी संगठनों, प्राधिकरणों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, संस्थानों, निकायों में किया जाना अनिवार्य है। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में स्थानीय परिवार समिति भी गठित की जानी हैं। उन्होंने बताया कि कार्यालय स्तर पर आन्तरिक परिवार समिति में 50 प्रतिशत महिलाएं हो, एनजीओ अथवा महिला मुद्दों पर कार्यरत संगठनों से एक प्रतिनिधि अथवा यौन उत्पीड़न की समस्या से विज्ञ व्यक्ति को भी समिति का सदस्य नामित कर आदेश निर्गत किया जायेगा। 

उन्होंने बताया कि आन्तरिक परिवार समिति सर्विस रूल के अनुसार जांच करेगी, इसमें प्राकृतिक न्याय का अनुसरण किया जाएगा। घरेलू श्रमिक जिनकी अपनी कमेटी नही वह स्थानीय परिवार समिति में जा सकते हैं। यौन उत्पीड़न से संबंधित लिखित शिकायत प्राप्त होने के 07 दिन के अन्दर नोटिस जारी होगा तथा 10 दिन के अन्दर समिति मूल्यांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। बताया कि कोई भी शिकायत घटना के 03 महीने अन्दर दर्ज हो, झूठी रिपोर्ट करने पर भी कार्यवाही की जायेगी।

इस मौके पर सीडीओ मनीष कुमार, आईएएस प्रशिक्षु आसीमा गोयल, डीएफओ पुनीत तोमर, एडीएम के.के. मिश्रा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एवं समितियों के सदस्य उपस्थित रहे।