उत्तराखंड में गहराया बिजली संकट

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भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच उत्तराखंड में बिजली का संकट गहरा गया है। खपत बढ़ने और उपलब्धता कम होने के चलते कई घंटे बिजली कटौती की जा रही है।

खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और उद्योगों पर बिजली कटौती की मार पड़ रही है। यहां पांच से आठ घंटे कटौती की जा रही है। बाजार से पर्याप्त बिजली न मिल पाना और प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं में भी उत्पादन घटने से चिंता बढ़ गई है। फिलहाल ऊर्जा संकट से निजात मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है।

प्रदेश में गर्मी के साथ बिजली की किल्लत भी बढ़ रही है। खपत में बढ़ोतरी होने से आपूर्ति व्यवस्था पटरी से उतर गई है। ऐसे में बिजली कटौती ही एकमात्र विकल्प बचा है।

प्रदेश में प्रतिदिन 42 से 44 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हो रही है। जबकि, उपलब्धता 38 मिलियन यूनिट से भी कम है। ऐसे में ऊर्जा निगम बिजली कटौती का सहारा ले रहा है।

ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादा कटौती की जा रही है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों में रोजाना पांच से आठ घंटे बिजली कटौती की जा रही है। पंतनगर और ज्वालापुर स्थित औद्योगिक क्षेत्र छह-छह घंटे की कटौती झेल रहे हैं।