'राष्ट्रीय कवि संगम' देहरादून की काव्य गोष्ठी ऋषिकेश में संपन्न

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vivratidarpan.com,ऋषिकेश- गोष्ठी की अध्यक्षता 'राष्ट्रीय कवि संगम' के संरक्षक श्री अंबर खरबंदा जी ने की। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम के गढ़वाल अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल जी रहें। अति विशिष्ट अतिथि 'राष्ट्रीय कवि संगम' के क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत 'श्री' , एवं विशिष्ठ अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई महानगर देहरादून की अध्यक्ष डॉ इंदु अग्रवाल रहीं जिनके सौजन्य से यह आयोजन सम्पन्न हुआ। गूँज संस्था के जुझारु सदस्य श्रीमती नीटू एवं वत्सला ने भी मंच की शोभा बढ़ाई। पावन उपस्थिति  जसवीर हलदर  एवं  नरेन्द्र दीक्षित  महिमा श्री  की रहीं।

संचालन 'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई की महामंत्री कविता बिष्ट जी ने किया। सायं तीन बजे गोष्ठी का शुभारंभ 'राष्ट्रीय कवि संगम' की संरक्षिका श्रीमती शोभा पाराशर जी की सरस्वती वंदना से हुआ।

ततपश्चात काव्य पाठ की धारा कविता बिष्ट के द्वारा ऋषिकेश के पावन नगर में गंगा मैया के जयगान से प्रवाहित हुई। मशहूर शायर  अंबर खरबंदा  ने ग़ज़ल सुनाकर सभी का मन मोह लिया,खूब वाह वाही लूटी। डॉ. इंदु अग्रवाल "बुझ रही है ये अगन पर सुगबुगाहट बाक़ी है, तार वीणा के थके पर झनझनाहट बाक़ी है" बहुत तन्मयता के साथ रचना की प्रस्तुति से सबक मन मोह लिया। श्रीकांत 'श्री'  ने  कवि हैं तो फिर कवि धर्म को हमे निभाना होगा,जैसी जरूरत पड़े देश को वैसे गाना होगा दमदार कविता सुनाकर गोष्ठी में ऊर्जा का संचार किया। महिमा 'श्री' ने फूलों की कलियां ना समझो कांटो वाली क्यारी हूं,अपने दम पर जीतू हूं मैं हां भारत की नारी हूं। की बेहतरीन प्रस्तुति देकर सराबोर कर दिया। रा.क. स .की संरक्षिका श्रीमती शोभा पाराशर  ने उच्च हिमालय पर्वत माला चरणों में गंगा धारा है। देवों के महादेव विराजें उत्तराखंड हमारा है। सुनाकर सभी का मन मोह लिया। ओज के सशक्त हस्ताक्षर जसवीर हलधर ने छन्द और ग़ज़ल भक्ति गीत सुनाकर खूब तालियां बटोरी। नरेन्द्र दीक्षित  ने कृष्ण भक्ति पर सुंदर भजन एवं बेहतरीन कविता सुनाकर गोष्ठी को भक्तिमयी बना दिया। कविता बिष्ट  ने "अंग धारी धनु वाण दिव्य ज्योति शक्ति प्राण, लखन सह श्रीराम जनक दुलारी है" छन्द सुनाकर माहौल को ख़ुशनुमा बना दिया। अर्चना झा 'सरित'  ने कृष्ण भक्ति सुनाकर सुनाकर खूब तालियां बटोरी। गार्गी मिश्रा  ने "क्यों ख़ुशियाँ हो रही हैं कम ग़मों का खौफ बढ़ता जा रहा !क्यों मुस्कुराहटों की ज़ुबां पर उदासी का आलम छा रहा" ! सुनाकर खूब वाह वाही लूटी।

ततपश्चात संस्था की कार्यकर्ता श्रीमती वत्सला ने संस्था की जानकारी दी गूँज संस्था जो कि सामाजिक कार्यो में अपना योगदान देती है। पूरे भारत देश में गूँज संस्था कार्य कर रही हैं। उनके विभिन्न कार्यकलापों के बारे में जानकारी मिली। हम सबको भी सामाजिक कार्यो में रुचि जाग्रत हुई। गूँज संस्था के सभी सदस्य बधाई के पात्र है। बहुत तन्मयता से सभी कवियों का काव्य पाठ सुना और सभी की करतल ध्वनि से सराहना की। उनके कार्यकुशलता और कर्मठता को हम सब नमन करते है और हम सब उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते है।शानदार काव्य गोष्ठी एक यादगार शाम बन गई। ऋषिकेश की पावन धरती में देहरादून के जाने-माने कवियों ने काव्य पाठ करके गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। 'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई महानगर के आयोजनों की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। तत्पश्चात 'राष्ट्रीय कवि संगम' के संरक्षक अंबर खरबंदा ने अध्यक्षीय उद्बोधन एवं आशिर वचन देकर सभी का मनोबल बढ़ाया। सफल आयोजन हेतु काव्य गोष्ठी को पूर्णता प्राप्त हुई। साभार-(कविता बिष्ट, महामंत्री 'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई देहरादून)