महिला काव्य मंच देहरादून इकाई की दिसंबर माह की काव्य गोष्ठी सम्पन

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vivratidarpan.com,देहरादून - महिला काव्य मंच" (मन से मंच तक) देहरादून जिला  इकाई उत्तराखंड की  वर्ष 2022‌  दिसंबर माह की  काव्य गोष्ठी, 24 दिसंबर 2022, दिन शनिवार को दोपहर 3:00 बजे,झरना माथुर (सदस्य) के निवास पर प्रो. उषा झा 'रेणु'  जिला अध्यक्ष, महिला काव्य मंच, देहरादून , उत्तराखंड की अध्यक्षता में आनन्दपूर्वक सम्पन्न हुई।

मुख्य अतिथि  डॉ.विद्या सिंह प्रांतीय अध्यक्ष, महिला काव्य मंच उत्तराखंड रहीं तथा विशिष्ट अतिथि निशा 'अतुल्य' प्रांतीय उपाध्यक्ष महिला काव्य मंच,उत्तराखंड व नीलम प्रभा वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार रहीं । संयोजन व संचालन के उत्तरदायित्व का निर्वाह नीरू गुप्ता 'मोहिनी' महासचिव महिला काव्य मंच, देहरादून उत्तराखंड ने किया।

गोष्ठी का शुभारंभ झरना माथुर  द्वारा माँ सरस्वती की सुन्दर वाणी वंदना, "माँ शारदे तू दयानी , तू ही सकल गुणधानी" से हुआ।

तत्पश्चात प्रथम प्रस्तुति में कविता बिष्ट ने ''इश्क में इश्क की भावना आ गई'" खूबसूरत गज़ल सुनाकर गोष्ठी का आगाज़ किया। 

क्रम को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ साहित्यकार नीलम प्रभा वर्मा ने बहुत सुन्दर गीत," पत्थर में प्राण जगाता, सीप का मोती बन जाता, ओ सागर …बलिहारी तेरे नीलेपन पर… ओ सागर" सुना सबको सागर की गहराइयों में डूबने को विवश कर दिया और अपने शुभाशीष से सभी कवयित्रियों को समृद्ध किया।

संगीता जोशी ने "फूलों की महक में, पंक्षियों की चहक में, बस तुम याद आते हो।"श्रृंगारिक कविता सुनाई । झरना माथुर ने बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल ,"  प्रियतम मुझको बतला दे क्या दिल तेरे काबिल है" अपनी मधुर आवाज़ और अलग अंदाज़ में सुना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। 

चकराता से आई अंजू श्रीवास्तव जी ने वीर रस पर आधारित,

"वीर शहीदो तुम्हें नमन है, तुम भारत की शान हो, देश चमकता रहे हमेशा, तुम भारत की आन हो"  सुंदर  कविता सुना सबके दिलों मे देशप्रेम और जोश जगा दिया।

निशा "अतुल्य" ने "माँ" पर कविता,"सारा सुख जीवन का मुझको माँ के आंचल में मिलता है" बहुत ही मार्मिक दिल को छूती रचना सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। 

नीरू गुप्ता 'मोहिनी' ने श्रृंगार गीत,  "सदा से सदा उनकी आती रही,तीरे नश्तर दिल में चुभाती रही,रखना जो चाहा हमने दिल में उन्हें ,जालिम बनकर शमा दिल जलाती रही।" सुना सभी की खूब वाह-वाही बटोरी।

अतिथि दीर्घा में उपस्थित ऋतु गोयल जी ने सुंदर राम भजन सुनाया। इसके अतिरिक्त मंच को कुछ प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकारों आदरणीय सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' ,शादाब अली ,अम्बर खरबंदा का भी सान्निध्य प्राप्त हुआ। जहाँ एक ओर 'तरंग' ने विभिन्नता में एकता को दर्शाते हुए भजन, दोहे, वीरों व नारी सम्मान पर मुक्तक व कविता से महिला मंच को आनन्दित किया वहीं शादाब अल और अम्बर खरबंदा ने भी अपने-अपने खास अंदाज में अपनी शानदार ग़ज़लों से मंच की शोभा में चार चांद लगा माहौल को और भी खुशनुमा कर दिया।

गोष्ठी की मुख्य अतिथि व महिला काव्य मंच,उत्तराखंड की प्रांतीय अध्यक्ष आदरणीया डॉ विद्या सिंह ने सम्वेदनशील विषय पर हृदयस्पर्शी रचना, 

"थमी भी नहीं थी अभी, मातमपुर्सियों की आवाजाही, कि छम -छम बजने लगी,नवेली दुल्हन की पायल " सुना सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। 

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रही जिला अध्यक्ष प्रोफेसर उषा झा' रेणु ने भी "प्रेम में राज सारे छुपाने लगे" ग़ज़ल सुनाई, जिसको सभी ने खूब सराहा। साथ ही उन्होंने  सभी को प्रेरित करते हुए अपने अध्यक्षीय उद्बोधन से गोष्ठी की समाप्ति की घोषणा की। 

अंत में महासचिव नीरू गुप्ता 'मोहिन ने सभी को सुन्दर कुंडलियां छंद में भविष्य के लिए नववर्ष की मंगल शुभकामनाएँ देकर गोष्ठी को पूर्णता प्रदान की।

(नीरू गुप्ता "मोहिनी'महासचिव , महिला काव्य मंच, देहरादून जिला इकाई, उत्तराखंड )