साहित्य सृजन कुटुबं संस्था ने किया दिल्ली-दर्पण पुस्तक का लोकार्पण

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vivratidarpan.com दिल्ली - हिंदी भवन नई दिल्ली में साहित्य सृजन कुटुबं संस्था के बैनर तले पुस्तक लोकार्पण एवं भव्य विराट कवि सम्मेलन बहुत ही उत्साह और उमंग से मनाया गया । यह अवसर था (दोहा संकलन) दिल्ली-दर्पण पुस्तक के लोकार्पण का.... जिसमें देश के कोने-कोने से 61 रचनाकारों ने अपनी सहभागिता दी और इस महायज्ञ को पूरा करने में अपना सहयोग दिया। पुस्तक की मुख्य संपादक वरिष्ठ कवयित्री ऊर्जावान संतोष कुमारी ‘संप्रीति’  और सहयोगी संपादक के रूप में प्रसिद्ध दोहाकार वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती सरिता गुप्ता और अजमेर की वरिष्ठ कवयित्री छंद विशेषज्ञ श्रीमती पुष्पा शर्मा  ‘कुसुम’ का विशेष सहयोग रहा। इस पुस्तक की भूमिका लिखी दोहा सम्राट वरिष्ठ कवि आदरणीय नरेश शांडिल्य  ने......विशेष सानिध्य मिला छंद विशेषज्ञ प्रवीण त्रिपाठी कर्नल का ......कार्यक्रम में देश के कोने कोने से यथा मथुरा ,भरतपुर, प्रयागराज , जयपुर , भरतपुर , भोपाल , तेलंगाना से बड़े-बड़े साहित्यकार उपस्थित हुए। अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया। उसके बाद सरिता गुप्ता ने सभी मंचासीन अतिथियों के परिचय से सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं को अवगत कराया। बहुमुखी प्रतिभा की स्वामिनी श्रीमती बबीता श्रीवास्तव  (सहायक निदेशक ,केंद्रीय  हिंदी निदेशालय ) लोकार्पण विभूति के रूप में उपस्थित रही ।कार्यक्रम की अध्यक्षता परम आदरणीय नरेश शांडिल्य की रही। इसके अतिरिक्त मंच पर दूरदर्शन पर बहुत प्रचलित कार्यक्रम ‘कवि हाजिर है’ कार्यक्रम के निर्माता निर्देशक सैयद इकबाल साहब मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आदरणीय प्रदीप भट्टजी और कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, टू मीडिया के संपादक आदरणीय ओम प्रकाश प्रजापति ने मंचासीन होकर कार्यक्रम की गरिमा को ऊंचाइयाँ प्रदान की। सभी मंचासीन अतिथियों के साथ साथ पुस्तक में शामिल दोहाकारों को अंग वस्त्र, आकर्षक प्रमाण पत्र और पुष्प माला से सम्मानित किया गया। सभी प्रबुद्ध मंचासीन अतिथियों ने अपने वक्तव्य में दोहा-दर्पण पुस्तक की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि यह पुस्तक दिल्ली का दर्पण है। इसमें ऐसे-ऐसे विषयों को कलमकारों ने छुआ है जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । सड़क पर जाम ,बारिश में पानी भरना , नई सड़क , संसद , लाल किला , यातायात व्यवस्था , अनेक ऐसे सामान्य विषयों को विशेष जामा बनाया गया है जिसे पढ़कर पाठक भावविभोर हुए बिना नहीं रह सकता। किसी भी भाव को छंद में बांधना बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन रचनाकारों ने दिल्ली की हर छोटी से छोटी बात को दोहे में बांधा है और चयन समिति के द्वारा उन्हें पूरी पुष्टि के बाद ही पुस्तक में शामिल किया गया है। नरेश शांडिल्य ने अपने वक्तव्य में कहा कोई भी वस्तु अपने आप में संपूर्ण नहीं होती लेकिन यदि वह 90% तक शुद्ध है तो उसे एक उत्तम श्रेणी की पुस्तक कहा जा सकता है । मैंने इस पुस्तक के हर एक दोहे को पढ़ा है और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि दोहे की विधा पर यह पुस्तक 90 से 95% तक बहुत ही सराहनीय पुस्तक है। दोहे की विधा को सभी कलमकारों ने बखूबी निभाया है। ऐसी पुस्तकों को विद्यालयों में , लाइब्रेरी में रखना चाहिए ताकि बच्चे दिल्ली के दर्शनीय स्थलों के बारे में, मौसम के बारे में, जीवन शैली के बारे में ,पहनावे के बारे में कम शब्दों में जान सकें। कार्यक्रम में प्रसिद्ध शायरा तूलिका सेठ, तरुणा पुंडीर, पुनीता सिंह , हरियाणवी कवि सुनील शर्मा, गुरुग्राम से शकुंतला मित्तल , सविता स्याल , शारदा मित्तल , अमरनाथ गिरि , आचार्य अनमोल, डॉ रवि शर्मा मधुप के अतिरिक्त हास्य कवि सुनहरी लाल तुरंत , उस्ताद शायर शैदा अमरोही , गाजियाबाद से नवोदित कवयित्री मुस्कान शर्मा , युवा कवि पुनीत पांचाल , शायर अमित कैथवारी , युवा ओजस्वी कवि ज्ञानेंद्र वत्सल , ग़ज़लकार वाजिद मेरठी और देश के जाने माने कवियों ने अपनी कविता से सभी को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम की सफलता के लिए पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई। कार्यक्रम में संचालन की भूमिका निभाई युवा कवि ज्ञानेंद्र शुक्ल वत्सल ने बखूबी निभाते हुए कार्यक्रम को ऊँचाइयों तक पहुँचाया।