मुंगथला प्रधानाचार्य के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया जाये- धर्मेन्द्र गहलोत 

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vivratidarpan.com सिरोही(राजस्थान) -कैन्सर पीडित दम्पति सत्यनारायण बैरवा एवं उनकी शिक्षिका पत्नी सविता बैरवा को न्यायालय स्थगन के बावजूद पिछले 3 वर्षां से हैरान परेशान कर शासन के आदेश के बावजूद 114 दिवस के वेतन भुगतान नहीं कर पद एवं प्रभाव का दुरूपयोग करने वाले मुंगथला एवं खडात प्रधानाचार्य के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत एवं महामंत्री डॉ.हनवन्तसिंह मेडतिया के नेतृत्व में सैकडो शिक्षकों ने पुलिस अधीक्षक के नाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवाराम चौधरी को ज्ञापन दिया। 

मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के जिला मंत्री इनामुल हक कुरैशी ने बताया कि प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत के नेतृत्व में सैकडों शिक्षकों ने मुंगथला व खडात प्रधानाचार्य द्वारा मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में दर्ज प्रकरण पर निष्पक्ष जांच के बाद विभागीय स्तर पर लम्बित 114 दिवस की अवधि का वेतन भुगतान  करने के निदेशक प्रा.शि.बीकानेर एवं संयुक्त निदेशक स्कूली शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा सिरोही द्वारा जारी आदेश के बावजूद हठधर्मिता एवं तानाशाही से शासन के आदेशों की निरन्तर कर रहे अवहेलना पर संगठन द्वारा शिक्षा मंत्री डॉ.बी.डी. कल्ला, एस.सी. आयोग के अध्यक्ष खिलाडीलाल बैरवा, मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं विधायक संयम लोढ़ा, जिला कलेक्टर डॉ.भंवरलाल, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष महलावत को भी मामले से अवगत कराने पर मामले की गम्भीरता को देखते हुए जिला प्रशासन को शासन के आदेश की कठोरता से पालना सुनिश्चित करने के आदेश के बावजूद पालना नहीं कर आदेश को अनसुना करना शासन के आदेश की घोर अवहेलना एवं पद व प्रभाव के दुरूपयोग की श्रेणी में आता हैं। इसको लेकर संगठन ने दोनो प्रधानाचार्यों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 167 के तहत मुकदमा दर्ज करने की पुलिस प्रशासन से मांग की। जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने जांच कर मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया।

मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस अवसर पर जिलाध्यक्ष देवेश खत्री, सभाध्यक्ष भगवतसिंह देवडा, उपशाखा सिरोही अध्यक्ष इन्दरमल खण्डेलवाल, शिवगंज अध्यक्ष छगनलाल भाटी, रेवदर अध्यक्ष विनोद नैनावत, आबुरोड सत्यनारायण बैरवा, रमेश रांगी, विक्रमसिंह सोलंकी, जसवन्तसिंह परमार, छगनलाल कुम्हार, सविता शर्मा, धर्मेन्द्र खत्री, भीखाराम कोली, रमेश परमार, नवनीत माथुर, ओमजीलाल शर्मा, अयुब खान, भंवरसिंह दहिया, सत्य प्रकाश आर्य, सविता बैरवा, शाहिस्ता परवीन, उषा चौरसिया, राजकुमारी माथुर, गणेश कुमार, भंवरलाल हिन्डोनिया, बंशीलाल नोगिया, अशोककुमार, जसराज, हुसैन कायमखानी, रधुनाथ मीणा, महेन्द्र पाल परमार, नवनीत शर्मा, रणजीत राठौड, जोराराम मेघवाल, हरीराम कलावंत, प्रवीण जानी, रणलाल मीणा, प्रवीण मीणा, उमेश प्रजापत, भरत कुमार घांची, नरेन्द्र सिंह आढा, भगवत सिंह मोरली, भंवर सिंह, दिलीप सिंह परमार, रमेश कुमार दहिया, सुरेश वसेटा, लोकेश चारण, कान्तिलाल मीणा, मगनलाल परिहार, धीरेन्द्र सिंह सांखला, अशोक मालवीय, शैलेन्द्र खत्री, वरूण खत्री, जीवन प्रकाश, शंकर राणा, रमेश खत्री, राजेश त्रिवेदी, सुरेश रावल सहित सैकडों पदाधिकारियो की उपस्थिति थे।