श्रीयोगविद हनुमान - सुनील गुप्ता
(1)" संकट मोचन ", प्रिय हनुमंत बजरंगी
करें नित प्रभु आपकी स्तुति !
आपसे मिलती शक्ति प्रेरणा.....,
करें आपकी तन मन से भक्ति !!
(2)"श्री", श्री शंकर सुवन केसरीनंदन
करें योगविदहनुमान का वंदन !
बसे राम सिय लखन मन ह्रदय.....,
करें हाथ जोड़ पवनसुत को नमन !!
(3)"यो", योगी तपस्वी परम राम स्नेही
श्री योगविदहनुमान पराक्रमी !
अंजनि पुत्र महा बलदायी....,
कुमति निवार सुमति के संगी !!
(4)"ग", गये जलधि लांघि अचरज नाहिं
हनुमत सेइ सर्व सुख करई !
धर्मवीर महावीर बलवीरा......,
सब कारज कर हरषि उर लाई !!
(5)"वि", विद्यावान गुनी अति चातुर
रहे सदा सेवा में आतुर !
श्रीयोगविदहनुमान मनमोहक.....,
बसें हमारे मन मंदिर अंदर !!
(6)"द", दर्द दुःख सब हर लेवें
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै !
बसें ह्रदय श्रीयोगविदहनुमान.....,
सब संकट ते बालाजी छुड़ावें !!
(7)"ह", हरि ह्रदय विराजे राम दुलारे
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता !
माता जानकी के अति प्यारे....,
हैं योगविदहनुमान प्रभु दासा !!
(8)"नु", नुमाइश करें ना पवनकुमार
सदा रहें ये सेवा में रत !
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहिं.....,
जलधि लांघि गए अचरज सब करत !!
(9)"मा", मान अपमान कभी ना करिए
सदा रखिए राम रसायन पासा !
भजन राम के गाते रहिए.....,
भूत पिशाच निकट नहिं आवा !!
(10)"न", नमन वंदन करते बिन नागा
रहें शरणागत श्रीरघुपति के दासा !
श्रीयोगविदहनुमान रखवारे.....,
हैं सब पर राम तपस्वी राजा !!
(11)"श्रीयोगविदहनुमान", बसे उर
जन्म-जन्म के दुःख बिसरावै !
कृपा करें हनुमंत सभी पर......,
होए पूर्ण मनोरथ, जीवन फल पावै !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान