पत्नी की फरमाइस - भूपेन्द्र राघव
May 9, 2024, 23:10 IST
| कहा आज पत्नी कि मेला दिखा दो,
न लो बालकों को अकेला घुमा दो।
बहुत दिन हुए जींस पहनी नहीं है,
मैचिंग का कोई मुझे टॉप ला दो।
डिजायन पुराना है कानों के झुमके,
सुनो मस्त से यार झुमके दिला दो।
पड़ोसन मुझे यूं चिढ़ाती बहुत है,
मुझे उसके जैसी नथनियां भी ला दो।
भरीं वोदका सी हमारी ये आँखें,
चखकर लबों से हमें भी पिला दो।
कभी तो हमारे भी पहलू में बैठो,
कभी जो चला था वही सिलसिला दो।
नहीं भी रहो पास फिर भी रहो तुम,
फकत साथ अपना हमें इस तरहा दो।
- भूपेन्द्र राघव, खुर्जा , उत्तर प्रदेश