जब तुम हमें मिले - सुनील गुप्ता
Jul 5, 2024, 22:47 IST
| जब से
तुम हमें मिले तो,
ये जीवन सारा बदल गया !
गई पथिक की प्यास बुझ .....,
और तन-मन जीवन निखर गया !! 1 !!
जब से
तुमसे लौ लगी तो,
ये जीवन महक-चहक गया !
गई बगिया मन की खिल-खिल .....,
और चहुँओर आनंद भर गया !! 2 !!
जब से
तुम आए जीवन में,
प्रेम बहारें खिलखिला आईं !
गई जीवन की चाल बदल ......,
और प्रेम बरखा बरस आईं !! 3 !!
जबसे
तुम मिले हो प्रिय ,
ये जीवन चला यहाँ मुस्कुराए !
गई गम-दुःख की शामें ढल .....,
और प्रेमानंद चला हर्षाए सरसाए !! 4 !!
अब
तुम हम में समाए चले,
खोए हुए एक दूजे में डूबे !
भले हों हम यहाँ पे दो शरीर .....,
पर, बनें एक शुद्धात्मा यहाँ मिल के !! 5 !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान