छंद सृजन - मधु शुकला
May 25, 2023, 23:55 IST
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कल आज और कल पर संसार चल रहा है,
हर एक के हृदय में मधु स्वप्न पल रहा है।
हों स्वप्न पूर्ण तब जब उनको मिले सहारा,
रक्षा भविष्य के बिन होता नहीं गुजारा।
कोई नहीं समय का अनुमान कर सका है,
पर जो रहा सजग वह नुकसान भर सका है।
यदि आज संग कल की हम योजना बनायें,
रफ्तार जिंदगी में व्यवधान को न पायें।
संसार में मनुज का कर्तव्य कर्म करना,
उपलब्ध हो उसी में हर वक्त धैर्य धरना।
— मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश