वीर शिवा जी - राजेश तिवारी

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थे हिन्दू हृदय सम्राट शिवाजी शूर वीर और बलशाली ।

मुगल उगल गये कौर देख कर युद्ध कला गौरव वाली ।।

जीजा बाई माई का पदवंदन नित्य करते थे ये ।

मात पिता को देव मूर्ति थे साक्षात समझते ये ।।

मातभूमि की सेवा करना थे स्वधर्म समझते ये ।

नारी की महिमा है भारी मातु समान समझते ये ।।

केवल कर्म धर्म है मेरा न कोई भी बात जाए खाली ।

थे हिन्दू हृदय सम्राट शिवाजी शूर वीर और बलशाली ।१

केहरी जैसा शौर्य पराक्रम माँ की कृपा से पाया था ।

कीर्ति कविताई रच करके यश कवियों ने गाया था ।।

राज्य प्रशासन सुन्दर ऐसा वर्ण सभी को भाया था ।

फुर्ती सिंह सरीखी इनकी  हिन्दू सम्राट कहाया था ।।

जगह जगह मंदिर बनवाये वह महावीर जो बलशाली ।।

थे हिन्दू हृदय सम्राट शिवाजी शूर वीर और बलशाली ।।२

- राजेश तिवारी मक्खन, झांसी उ प्र फोन +91 94511 31195