उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस (24 जनवरी) - हरी राम यादव

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vivratidarpan.com - उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य और क्षेत्रफल (2,38,566 वर्ग किलोमीटर)  के आधार पर देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश देश के उत्तर में स्थित है और इसके उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ राज्य हैं।

उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है,  यदि हम आधुनिक काल की बात करें तो 1833 में यह  पश्चिमोत्तर प्रान्त के नाम से जाना जाता था। 1856 ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने इसका नाम  बदलकर आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त कर दिया । 1902 ई॰ में फिर इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त रखा गया। सन् 1947 में संयुक्त प्रान्त , नव स्वतन्त्र भारतीय गणराज्य की एक प्रशासनिक इकाई बना। दो वर्ष बाद इसकी सीमा के अन्तर्गत स्थित, टिहरी गढ़वाल और रामपुर के स्वायत्त राज्यों को संयुक्त प्रान्त में शामिल कर लिया गया। 1950 में  संविधान के लागू होने के साथ ही 24 जनवरी सन् 1950 को इस संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया, जो कि अब भी उत्तर प्रदेश तथा यूपी के नाम से जाना जाता है।

 इस प्रदेश को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम तथा योगेश्वर श्रीकृष्ण जैसे महापुरुषों की जन्मस्थली होने का भी गौरव प्राप्त है। गंगा, यमुना घाघरा जैसी कई पवित्र नदियों के आलावा बेतवा, केन, चम्बल, गोमती, सोन, तमसा, बिसुही आदि नदियाँ भी उत्तर प्रदेश के भूभाग से हो कर बहती हैं । प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले और 18 मंडल है।

यदि हम इसके आधुनिक इतिहास की बात करें तो 1857 की क्रांति का बिगुल इसी प्रदेश की धरती से फूंका गया था । 1857 की क्रांति नायक मंगल पाण्डेय, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, बहादुर शाह जफर, झलकारी बाई, ऊदा देवी, अवध की बेगम हज़रत महल, बख्त खान, नाना साहेब, मौल्वी अहमदुल्ला शाह, राजा बेनी माधव सिंह, गंगाबख्श रावत, चन्द्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, असफाक उल्लाह खां, ठाकुर रोशन सिंह जैसे वीरों की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश की धरती ही है। इस प्रदेश के इन वीरों के खून में धधकती ज्वाला की चिंगारी से ही अंग्रेजों की सत्ता जलकर भस्म हुई।

इसी प्रदेश की धरती पर जन्मे नायक छत्ता सिंह की वीरता की कायल ब्रिटिश सरकार थी। जिसने उनकी वीरता और साहस के लिए द्वितीय विश्व युद्ध में उन्हें विक्टोरिया क्रास से सम्मानित किया।  1948 के भारत पाक युध्द में पाकिस्तान की सेना के समक्ष अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन करने वाले नायक जदुनाथ सिंह, इसी उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर के निवासी थे। सी क्यू एम एच अब्दुल हमीद का गांव धामपुर उत्तर प्रदेश के ही गाजीपुर जिले में है जिन्होंने 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में पैटन टैंकों की कब्रगाह बना डाली थी। अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए अपनी पोत के साथ जल समाधि लेने वाले महावीर चक्र विजेता कैप्टन महेन्द्र नाथ मुल्ला इसी प्रदेश के गोरखपर की भूमि पर पले बढ़े थे। इसी प्रदेश के बेटों कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय, सूबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव ने कारगिल की अजेय पहाड़ियों पर चढ़कर दुश्मन की गर्दन मरोड़ी थी। 

देश में अब तक लड़े गये युद्धों में अपनी वीरता, शौर्य और पराक्रम का लोहा मनवाने वाले वीरों में 04 परमवीर चक्र विजेता इसी प्रदेश के हैं जबकि अब तक देश में कुल 21 वीरों को परमवीर चक्र दिए गये है। 01 विक्टोरिया क्रास,  20 महावीर चक्र, 94 वीर चक्र, 06 अशोक चक्र, 27 कीर्ति चक्र,  126 शौर्य चक्र, 680 सेना मेडल प्राप्त करने वाले भी इसी प्रदेश की माटी के लाल हैं। हाकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद इसी प्रदेश के प्रयागराज के निवासी थे।

जहां उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है वहीं वर्तमान में इसने देश को सैन्य सेवा के क्षेत्र में बहुत बडी मानव शक्ति दी है। इस समय लगभग 1, 70000 लोग सेना , वायु सेना और नौसेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान समय में तीनों सेनाओं में अपनी सेवा दे चुके सैनिकों की संख्या लगभग चार लाख अस्सी हज़ार है। देश के 66 कैंटोन्मेंट बोर्ड में से 14 कैंटोन्मेंट बोर्ड इसी प्रदेश की धरती पर स्थित हैं।

इसी प्रदेश के गाजीपुर जिले का गांव गहमर एशिया का सबसे बडा गांव है, जिसकी कुल जनसंख्या 1.27 लाख है।  जहां पर वर्तमान समय में लगभग 12 हजार लोग सेना में सेवारत हैं। इस गांव में लगभग 15 हजार सेवानिवृत्त सैनिक हैं। बुलंदशहर का सैदपुर गांव जिसकी कुल आबादी लगभग 21, 000 हजार है। सरकारी आंकड़ो के अनुसार इस गांव में 2450 लोग पेंशन ले रहे हैं। । वर्तमान समय में लगभग 100 लोग सेना में सेवारत हैं। इस सैनिकों के गांव में सिपाही से लेकर मेजर जनरल के रैंक तक लोग निवास करते हैं।

यमुना के आंचल में बसा सैनिकों का गांव रुदमुली जनपद आगरा की बाह तहसील में स्थित है। जम्मू और कश्मीर के आर एस पुरा सेक्टर का नाम जिन ब्रिगेडियर रणबीर सिंह के नाम पर रखा गया है, वह ब्रिगेडियर रणबीर सिंह इसी गांव के रहने वाले थे। प्रथम विश्व युध्द में इस गांव के 82 सैनिकों ने हिस्सा लिया और 06 लोग वीरगति को प्राप्त हो गये थे तथा द्वितीय विश्व युध्द में 90 सैनिकों ने भाग लिया और 04 लोग वीरगति को प्राप्त हो गये। 1947 - 48 के भारत पाकिस्तान युध्द में इस गांव के 52 सैनिकों ने भाग लिया और 02 लोग मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे।  सन् 1971 के भारत पाक युद्ध में जनपद आगरा की बाह तहसील के कुल 350  जवानों ने युध्द लड़ा था जिसमें से 88 सैनिक इसी गांव के थे।  आगरा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर 3-3 एयर स्ट्रिप वाला यू पी देश का पहला राज्य है जबकि हमारे पडोसी देश पाकिस्तान के पास पूरे देश में दो ही एक्सप्रेस वे रनवे हैं। युध्द के समय हमारी वायु सेना इनका इस्तेमाल कर सकती है।

उत्तर प्रदेश की धरती ऋषियों मुनियों की धरती रही है। इसी प्रदेश की धरती पर ऋषि अगस्त्य, मुनि भारद्वाज़, महर्षि दुर्वासा, भृगु, गुरू वशिष्ठ हुए। इसी प्रदेश की धरती पर सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र हुए। जिनका नाम पूरी दुनिया में ईमानदारी के लिए मुहावरा बन गया है। मैनपुरी इसी प्रदेश का जनपद है जहां पर च्यवन ऋषि हुए थे जिनका बनाया हुआ च्यवनप्राश पूरे देश में सेहत का पर्याय बना हुआ है।  सारनाथ उत्तर प्रदेश में स्थित है जहां भगवान गौतम बुध्द ने अपना पहला उपदेश दिया। सारनाथ का स्तम्भ आज भारत गणराज्य का राज्य चिन्ह है। 

समाज को नयी राह दिखाने वाले महर्षि बाल्मीकि, महर्षि वेदव्यास, सूर, तुलसी, कबीर,  रसखान, भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला, सुमित्रानन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय जैसे महान कवि और लेखक इसी प्रदेश के हैं । अब तक हुए कुल 15 प्रधानमंत्रियों में से 07 प्रधानमंत्री इसी प्रदेश ने दिए है। पहले प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, देश और उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री श्रीमती सुचेता कृपलानी इसी प्रदेश के हैं।

अयोध्या, वृंदावन, मथुरा, वाराणसी और प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थल इसी प्रदेश में हैं। तीन कुंभ मेलों में से एक यहीं के प्रयागराज में लगता है। रामायण, महाभारत, रामचरितमानस जैसे ग्रंथ यहां की धरती पर लिखे गये। गंगा, यमुना, सरस्वती, सरयू, तमसा और बिसुही जैसी पवित्र नदियां इसी प्रदेश में बहती हैं। ताजमहल जैसा पर्यटन स्थल इसी प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है। ताले वाला अलीगढ़, चूड़ियों वाला फिरोजाबाद,  काष्ठ शिल्प वाला सहारनपुर,  हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरों वाला पिलखुवा, साड़ियाँ तथा रेशम व ज़री का काम वाला वाराणसी, चिकन की कढ़ाई का काम वाला लखनऊ,  पैच वर्क वाला रामपुर, पीतल के बर्तन वाला मुरादाबाद, टेराकोटा वाला औरंगाबाद, कैंची वाला मेरठ और कालीन के काम वाला भदोही, पूरे विश्व में अपने इत्र की खुश्बू फैलाने वाला कन्नौज़, स्वर्ग के वृक्ष “परिजात वाला बाराबंकी इसी प्रदेश में स्थित हैं। इसके साथ साथ पूरे देश के लोगों के मुंह मे मिठास घोलने वाली चीनी का 45 प्रतिशत उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य है।

ज्यादा जनसंख्या और कम संसाधनों के कारण गरीब राज्यों में शुमार यह प्रदेश धीरे-धीरे प्रगति की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा गरीब राज्यों में सबसे अधिक 3.43 करोड़ थी।

- हरी राम यादव (स्वतंत्र लेखक) अयोध्या, उत्तर प्रदेश - ph -7087815074