दो क़दम - ज्योत्स्ना जोशी
May 4, 2024, 22:18 IST
| दो क़दम आगे बढ़ाने के बाद
फिर चार क़दम पीछे लेना
जरुरी हो जाता है,
पहले दो उन बातों के लिए
जिनमें हमारे क़दम और आत्मा
साथ साथ नहीं चलती !
और दूसरे दो इसलिए कि
उम्मीद और नाउम्मीदी का सेतु
बना रहे !
पीड़ा बस इतनी है कि दुनिया महज़
आगे बढ़े हुए दो क़दम ही देख पाती है।
- ज्योत्स्ना जोशी , उत्तरकाशी