तुलसी - सुनील गुप्ता
(1) " तु ", तुम हो श्री हरि विष्णु प्रिया वृंदा
करती भक्त घर पे हो सदा निवास !
जिस घर में होए नित्य पूजापाठ......,
उस घर में होए आपका श्रीसुवास !!
(2) " ल ", लगन करे जो श्रीतुलसा जी का यहां पे
उस घर पधारें श्रीप्रभु विष्णु हरि !
और खुशियाँ आनंद का होए संचार..,
कृपाएं दुआएं बरसें उसपे बहुरि !!
(3) " सी ",सीधी सरल विरल हैं श्रीतुलसाजी
हर आँगन में खिल-खिल नित आएं !
जिस घर में होती है शुद्ध सात्विकता....,
उस घर में ये महक आनंद बरसाएं !!
(4) " तुलसी ", तुलसीजी का रचाएं हम आज विवाह
शालीग्राम श्रीविष्णु हरि रुप के संग !
है शुक्ल पक्ष की एकादशी आज.,
और कार्तिकमास का है शुभ प्रसंग !!
(5) " तुलसी ", तुलसीजी को कहते हैं हम वृंदा भी
इन देवी का करके दर्शन शुभ लाभ पाएं !
हैं ये पवित्रता से भरी एक ओजस्वी शक्ति.,
जो करें हमारी सभी पूर्ण मनोकामनाएं !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान