प्रेम का संसार - सुनील गुप्ता
Jan 25, 2025, 22:51 IST
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( 1 ) चलें
रचाए प्रेम का संसार,
वसुधैव कुटुंबकम की भावना फैलाएं !
और जीवन बगिया को अपनी महकाते...,
चलें चहुँओर मधु मकरंद बरसाते यहाँ पे !!
( 2 ) करें
सभी से मित्रवत व्यवहार,
आपसी दुःख-सुख में, चलें हाथ बंटाए !
और करें न कभी किसी की उपेक्षाएं.....,
सदैव देते चलें सहयोग, काम निपटाएं !!
( 3 ) चलें
लहराए मन सुख सागर,
बाँटते चलें अप्रतिम सुंदर गौहर हर्षाए !
और चलें आत्मीय संबंधों को विस्तार देते..,
प्रेम की बगिया लहलहाते खूब खिलखिलाएं !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान