अभिशप्त योद्धा (अश्वत्थामा) - सुनील गुप्ता

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सुनो सुनो कहानी

एक अभिशप्त योद्धा की

खुद उसके ही मुँह-ज़बानी  !

महाभारत की सुन ये दुःखद घटना...,

निश्चित आपकी आँखों से आएगा छलक पानी !!1!!

है द्रोणाचार्य पुत्र

अश्वत्थामा की ये कहानी

और कृपाचार्य की चालबाजियों की बात  !

जिसमें मिल रचा गया था दुष्कृत्य महापाप......,

द्रोपदी पुत्रों को अश्वत्थामा ने मारा था अकस्मात !2!!

देख वीभत्स दृश्य

अर्जुन अंतस से दहल गया

और प्रण लिया अश्वत्थामा की मृत्यु का !

पर, मार ना सका गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र को....,

और बांध लाके द्रोपदी के चरणों में ला पटका !!3!!

अंततोगत्वा माफ किया

द्रौपदी ने अश्वत्थामा को

पर, कृष्ण ने अर्जुन से कही एक बात विशेष  !

अर्जुन ने तत्काल प्रहार कर मस्तक से छिनी मणि.,

छोड़ दिया अभिशप्त हालत में मरने के लिए शेष!!4!!

है ये कहानी

उसी अभिशप्त योद्धा की

जो आज भी जिंदा है अपनी अमरता के कारण !

भटकता हुआ मांग रहा दही हल्दी माथे पे लगाने को,

ताकि असहनीय दर्द से पा सके मुक्ति तत्क्षण!!5!!

-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान