शुक्र कर, फिक्र ना कर - सुनील गुप्ता

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शुक्र कर ऐ बंदे

मिला तुझे है जीवन  !

फिक्र ना कर यहां......,

आज अभी में जी ले जीवन !!1!!

अहसान मत जता

है तू उसकी मर्ज़ी पर  !

चल करता कर्म यहां......,

फल की इच्छा मत कर !!2!!

बख्शा उसने जैसा है

चल करता उसे स्वीकार !

और की आशा में.......,

ना कर उसका बहिष्कार !!3!!

है प्राप्त जो भी हमें

वही है सदा पर्याप्त  !

और की चाह में......,

जीवन करें क्यों समाप्त !!4!!

चल प्रार्थना कर स्तुति

बना रहे प्रभु शरण में  !

कृतज्ञता करता ज्ञापित....,

सदा रखें उसे स्मृति में !!5!!

छोड़कर सभी चिंताएं

बस तत्क्षण में बनें रहें  !

मिलेंगी सदा प्रभु कृपाएं.....,

बस उससे लौ लगी रहे !!6!!

चलता चल हो बेफिकर

संग चलता है तेरे ईश्वर  !

सदैव बना रहे आनंद में.....,

शुक्र कर, फिक्र ना कर !!7!!

-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान