तेरा तुझको अर्पण - सुनील गुप्ता
Sat, 11 Mar 2023
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आओ चलें करते अर्पण
देना है ईश्वर का सुंदर भाव !
लेते रहना यहां जीवनभर......,
है जीव का ये निज स्वभाव !!1!!
देते चलें यहां ख़ुश होकर
मिलती है इससे हमें प्रसन्नता !
पहुंचे वही सीधे प्रभु तक.....,
जो दे हमें आत्मिक संतुष्टता !!2!!
है जो भी कुछ हमारे पास
है वो प्रभु की कृपा दयालुता !
चलें बांटते अधिक से अधिक...,.
पाएं प्रभु की ओर निकटता !!3!!
जीवन में हमने जो भी पाया
है वो प्रभु की महत्ती कृपा !
देते चलें यहां हम भरपूर.....,
प्रभु की मिलेगी सदा दया !!4!!
हम बनें रहें यहां पर उदात्त
समझें ईश्वर का इसे वरदान !
बनाएं चलें उदार चित्त.....,
करते चलें जीवन में त्याग !5!!
तेरा तुझको करके अर्पण
प्रभु दिल मेरा ख़ुश होता है !
करता चलूं जीवन समर्पण.....,
मुझसे जो भी कुछ बन पाता है !!6!!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान