धर्म तुम्हारा क्या है बताओ? - हरी राम
Fri, 12 May 2023
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जाति धर्म के नाम पर,
मनुआ मत ठानिये रार।
जाति तुम्हारी मनुष्य है,
धर्म सको तुम जो धार।
धर्म तुम्हारा निजी मामला,
धर्म किसी की न जागीर।
धर्म धारने के लिए जगत में,
न दे कोई किसी को पीर।
इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है,
हरी करे जो उसकी बात।
दिन दिन बढ़े सवाई वह,
ऊंचा रहे जगत में माथ।
जाति धर्म के नाम पर,
करते फिरें जो रोज बवाल।
धर्म तुम्हारा क्या है बताओ?
पूछे उनसे हरी एक सवाल।।
- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश