बोलो ना - सुनील गुप्ता

बोलो ना, कुछ तो बोलो
मुँह ना अपना ये बिगाड़ो !
हमपे क्यूं करती हो गुस्सा.......,
हमको अपना दोस्त बनालो !!1!!
ना ना ना, मत देखो ऐसे
हमको ना तुम घूरो ऐसे !
अरे बतलाओ क्या करें......,
कि, हो जाए मूड पहले जैसे !!2!!
कहो ना मेरी प्यारी बिटिया
हमसे क्या तुम कहना चाहती !
बिगड़ी क्यों है मेरी गुड़िया.....,
शायद कुछ है लेना चाहती !!3!!
कहना तुम जो भी चाहती हो
कह ना पा रही हो, वो बात !
अच्छा बतलाओ चुपके से......,
कानों में कह दो, अपनी बात !!4!!
आओ बैठो, पास मेरे
ऐसे ना तुम अब रूठो !
चलो सुनाएं कहानी परी की....,
या लोटपोट छोटू मोटू की !!5!!
होंठ तुम्हारे कुछ कहना चाहते
कहना चाहती हैं ये आँखें !
मत तड़पाओ हमको बिटिया.....,
कहदो अपनी मन की बातें !!6!!
अच्छा चलो बंद कर लेते आँखें
जल्दी से पास आकर बतलादो !
डांटा मम्मी ने ग़र तुमको.....,
तो, मम्मी की पिट्टी कर देंगे !!7!!
हो मासूम तुम बिटिया नटखट
ज़रूर बात है आज नयी !
करी है शैतानी, या खटपट...,
तभी रचा स्वांग, कहानी नयी !!8!!
अब मुँह ना फुलाओ गुब्बारे जैसा
थूको सारा अपना गुस्सा !
आओ करलें मटरगस्ती......,
कुछ हँसलें हँसालें, पहले जैसा !!9!!
क्यों करती हो हमसे नाटक
रूसा रूसी और मज़ाक !
छोड़ो अपना, ये खिंचाव.....,
करलो अपनी ढीली नाक !!10!!
हम तो हैं तेरे दीवाने
ओ प्यारी गुड़िया रानी !
चलो खेलें खेल निराले....,
सुनें सुनाएं कोई कहानी !!11!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान