'शिक्षक' (हाइकु) - बी एस बिष्ट
Sep 9, 2023, 22:03 IST
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'१'
गुरु किसान,
मरु धरा में बोये-
अक्षर ज्ञान।
'२'
गुरु कुम्हार,
तराशता मिट्टी से-
संभावनाएं।
'३'
एक जौहरी,
बेकार पत्थरों को,
हीरे कर दे।
'४'
शिल्पी शिक्षक,
छैनी हथौड़ा लिये,
गढ़े मूरत।
'५'
जुगनुओं में,
सूरज तलाशता,
रात्रि प्रहरी।
'६'
गुरु दीपक,
आलोकित कर दे-
जीवन पथ।
'७'
प्रथम गुरु-
तो तुम ही हो माता।
भाग्य विधाता।
बहादुर सिंह बिष्ट 'दीपक', चम्पावत, उत्तराखंड