संभाल लेना - राजीव डोगरा

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मैं पंथ से विपंथ न हो जाऊं,

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

मैं भक्त से अभक्त न बन जाऊं,

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

मैं पुण्य से पाप की तरफ न बढ़ जाऊं,

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

मैं न्याय से अन्याय न करने लग पड़ूँ,

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

मैं जीत कर भी हार न जाऊं,

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

मैं हंसता हुआ कभी रो न पडूँ,

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

मैं इंसान से हैवान न बन जाऊं

मुझे संभाल लेना मेरे ईश्वर।

- राजीव डोगरा

पता-गांव जनयानकड़

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

9876777233