ख़्यालों में भीग गए - सुनील गुप्ता
Wed, 8 Mar 2023
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बूंदे गिरी कुछ यूं कि
हम ख़्यालों में भीग गए !
बरसों पुरानी यादों में हम .....,
ना जाने कहां डूब गए !!1!!
बरसात की बूंदों को पकड़ना
उसमें नहाना याद है !
कश्ती बना पानी में तैराना.....
बचपन की बातें याद है !!2!!
कहीं दूर निकल यादों के संग
हम उसमें ही ना खो जाएं !
ख्यालों के भंवर जाल में......,
आकर कहीं फ़िसल ना जाएं !!3!!
जब होते अपने साथ अकेले
तो होते ख्यालों में रमे !
जीवन की तन्हाईयों संग.....,
गातें चलें हम झूमें-झूमें !!4!!
वो भीगी यादों के भोले चेहरे
ठहरी ग़ज़ल सी लगे हमको !
हम चलें गुनगुनाते यहां पर ....,
वाबस्ता थे जिनसे मिलके !!5!!
भूल भुलैया में खोए
ख्यालों में रहना अच्छा है !
औरों को बीती क्या सुनाएं....,
यादों में रमना अच्छा है !!6!!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान