गीत - मधु शुक्ला

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बेजुबान भी बातें करते, सज्जन ही सुनते उनको।

ध्यान रखेंगे सदा तुम्हारा, आँखों से कहते उनको।

वन्य जीव, पशु, पक्षी सबको, संरक्षण की चाहत है।

किन्तु शिकारी जन के कारण,उन्हें न मिलती राहत है।

जीव जगत से प्रेम जिन्हें है, संरक्षित करते उनको...... ।

अति निर्दयता से वृक्षों को, मिटा रहे कुछ अज्ञानी।

बेजुबान वृक्षों पर भारी, पड़ती  उनकी  नादानी।।

उपकार विटप का जो जानें , जतन पूर्वक रखते उनको....।

पशु पालन जो करते जग में , उनकी भाषा पढ़ लेते।

बच्चों के सम उनको मानें , प्रेम सहित खुशियाँ देते।

कष्ट नहीं होने देते हैं, वे मित्र समझते उनको.....।

----  मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश