गीत - मधु शुक्ला

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विश्वास  जो    होता , संसार  चल    पाता।

मिलते फिर अपरिचित,परिणय मुस्कराता।

परिवार की महत्ता , होती ज्ञात हमको।

साथी प्राप्त होता,  सहयोग हेतु सबको।

ममता, क्षमा, दया सब, विश्वास ही सिखाता .......

साथी बिना सदन का, अस्तित्व शून्य होता।

सपने  मधुर  सलोनेकोई  नहीं   सॅ॑जोता।

होता यदि  भरोसा,  मन प्रीति क्यों जताता.......

भाई,  बहन , पिता ,  मॉ॑, को जन्म संग पाया।

मनमीत  से   हमारेउर  ने  हमें  मिलाया।

जीवन  सफर  सुहाना,  विश्वास  ही  बनाता ..........

--- मधु शुक्ला . सतनामध्यप्रदेश