गीत - मधु शुक्ला
Updated: Sep 12, 2023, 22:36 IST
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जब - जब चंदा लेकर आता, प्यारी - प्यारी पूनम रात।
दस्तक देने लगते उर में, मधुर, मृदुल, पावन जज्बात।
कलमकार को मोहित करता, चाँद चाँदनी का शुचि रूप।
गीत, गजल, कविता, छंदों का, पूनम दिन हो सृजन अनूप।
धवल निशा शीतलता देकर, कवि का पुलकित रखती गात......... ।
शुभ्र ज्योत्स्ना के आँचल में, शिकवे भूलें पिय के नैन।
पास बिठा कर प्रेमी बोलें, मधुर सलोने प्यारे बैन।
जीवन में खुशियाँ ले आती , यह मादक मोहक शुरुआत...... ।
रात पूर्णिमा की उज्जवल छवि, पाये जब मानव व्यवहार।
मानवता का मुखड़ा दमके, संबधों की मिटे दरार।
सद्भावों की उपज बढ़े तो, अपनेपन की हो बरसात..... ।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश